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ये कहानी कलु और डिलु का है । कलु एक संत (saint) महात्मा है, जो अपने आश्रम में बहुत सारे भक्तो को पूजा करता था । परन्तु उसे यह नहीं पता था, की हम जब भक्तो को पूजा कराते है, तब सारे भक्त जन सो रहे होते है ।
डिलु एक चोर बदमाश डाकू था, जिसका नाम सुनकर आस-पास के गाँव के लोग । भगवान के याद करने लगते थे । परन्तु डिलु को यह मालूम नहीं था कि मेरे नाम सुनते ही सब भगवान को याद करते है ।
आचनक से एक ही दिन दोनों की मौत हो गई ।
तब जब सामने खड़ा यमराज ने पूछा कलु से की तुम क्या करते थे तो उन्होंने बोला की हम संत महात्मा है, हम लोगो को पूजा करते थे । तब यमराज ने बोले की तुम लो काले चादर और नर्क लोक जाओ ।
अब बारी थी डिलु की तो डिलु से यमराज ने पूछे की तुम क्या करते हो तो उसने कहा महाराज मैं एक चोर बदमाश डाकू हूँ । तभी यमराज ने कहा लो सूती वस्त्र और जाओ स्वर्ग जाओ ।
तभी कलु जो संत महात्मा था, उसने कहा महाराज ओ डाकू को स्वर्ग और हम संत को नर्क लोक क्यू, तभी यमराज ने कहा कि तुम जब भक्त को पूजा करते थे तब सब सो रहे होते थे।
लेकिन डिलु के नाम सुनते ही सब गाँव ले लोग भगवान को याद करते थे । इस लिये डिलु को स्वर्ग और तुम्हे नर्क ।
ये कहानी से आपको क्या शिक्षा मिली आप हमको comment box में बताए।
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